कहने का मतलब यह कि मैं भी काले साहबों की तरह धीरे-धीरे घूँट भरना सीख गया, बिलियर्ड भी खेलने लगा और यहाँ तो ' रीडर्स डॉयजेस्ट ' के ताजे अंक पर विचार-विमर्श भी करना पड़ता।
4.
खून बहे तो गम मत करना आग दिखे तो तुम मत डरना मन मंदिर के अन्दर विश्वास जगा के फिर अमृत के ही घूँट भरना जब जब तुम मुर्झाओगे मैं माली बन बन सीचुंगा जब जब तुम घबराओगे मैं लक्ष्मण रेखा खीचूँगा पर गिरने का डर न हो तुमको यह मैं सिखला जाऊंगा जब जब मन में कौतुहल होगा मन मंदिर में समां जाऊंगा फिर आया हूँ तुमको मैं नयी राह दिखाने को फिर आया हूँ मैं तुमको एक बार फिर जगाने को